इनवॉइस फ्रॉड का बढ़ता खतरा: अगर आपने नहीं अपनाया ये तरीका, तो बर्बादी की कगार पर होगा आपका स्टार्टअप

हर दिन ऑफिस में आने वाले ईमेल्स और बिलों को शायद आप रूटीन का हिस्सा समझकर नजरअंदाज कर देते हों, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन बिलों में से कोई एक आपकी कंपनी को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुँचा सकता है? इनवॉइस फ्रॉड अब सिर्फ एक कॉरपोरेट मुद्दा नहीं, बल्कि छोटे स्टार्टअप्स के लिए खतरे की घंटी बन चुका है।

क्या है इनवॉइस फ्रॉड?

इनवॉइस फ्रॉड तब होता है जब कोई फ्रॉडस्टर किसी प्रतिष्ठित सप्लायर या सर्विस प्रोवाइडर के नाम से नकली बिल भेजता है और अकाउंट्स डिपार्टमेंट से उसका भुगतान हासिल कर लेता है। ये बिल इतने असली दिखते हैं कि आमतौर पर किसी को शक तक नहीं होता।

इनवॉइस फ्रॉड के आम तरीके

  1. फर्जी या डुप्लीकेट इनवॉइस – कम अमाउंट वाले नकली बिल जिन पर कम ध्यान दिया जाता है।
  2. शेल कंपनी से बिल भेजना – ऐसी कंपनियां जिनका कोई असली कारोबार नहीं होता।
  3. फिशिंग ईमेल्स के ज़रिए बिलिंग – नकली ईमेल आईडी बनाकर भरोसेमंद सप्लायर के नाम से इनवॉइस भेजना।
  4. ओवरचार्जिंग – सर्विसेज की मात्रा या कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर अधिक बिल भेजना।

कानूनी सजा क्या है?

GST कानून के तहत अगर किसी पर फर्जी इनवॉइस बनाकर टैक्स चोरी करने का दोष साबित होता है, तो उसे जितना टैक्स क्रेडिट लिया गया है उतनी पेनल्टी भरनी पड़ती है। साथ ही, 5 साल तक की जेल का भी प्रावधान है।

कैसे करें फ्रॉड से बचाव?

इनवॉइस की बारीकी से जांच करें – अकाउंट नंबर, सप्लायर डिटेल्स और ट्रांजैक्शन अमाउंट की पुष्टि करें।
3-वे मैचिंग सिस्टम अपनाएं – पर्चेज ऑर्डर, रिसीविंग और इनवॉइस को आपस में मिलाएं।
कर्मचारियों को जागरूक बनाएं – उन्हें सिखाएं कि फर्जी इनवॉइस कैसे दिखते हैं।
ऑटोमेटेड बिलिंग सिस्टम इस्तेमाल करें – टेक्नोलॉजी की मदद से संदिग्ध इनवॉइस को जल्दी पहचानें।
वर्कलोड का संतुलन बनाए रखें – काम का उचित बंटवारा हो ताकि किसी एक व्यक्ति पर ज्यादा प्रेशर न हो।
टीम का भरोसा जीतें – कर्मचारियों को कंपनी का हिस्सा महसूस कराएं ताकि वे कंपनी के हित में ही सोचें।

स्टार्टअप्स के लिए क्यों है यह खतरा बड़ा?

नए और छोटे व्यवसायों के पास न तो इतना स्टाफ होता है और न ही मजबूत सुरक्षा व्यवस्था, जिससे वे जल्दी निशाना बन सकते हैं। इसलिए अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो इस खतरे को नजरअंदाज बिल्कुल न करें।

निष्कर्ष

इनवॉइस फ्रॉड एक ऐसा साइबर क्राइम है जो चुपचाप होता है और जब तक पकड़ में आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसीलिए अगली बार जब कोई नया बिल आपकी स्क्रीन पर आए, तो सिर्फ "अप्रूव" पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचिए।