अब नहीं चाहिए बोर्डिंग पास! जानिए क्या है Digital Journey Pass और कैसे आपका चेहरा ही बनेगा टिकट

हवाई यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खबर है! आने वाले समय में एयरपोर्ट पर न बोर्डिंग पास की जरूरत पड़ेगी और न ही बार-बार डॉक्यूमेंट दिखाने की — सिर्फ आपके चेहरे से ही एंट्री और चेक-इन की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

दरअसल, इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) दुनिया भर की हवाई यात्रा को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में काम कर रही है। इस नए सिस्टम का नाम है Digital Journey Pass। इसके लागू होते ही एयरपोर्ट पर चेक-इन से लेकर बोर्डिंग गेट तक की सभी झंझटें खत्म हो जाएंगी।

क्या है Digital Journey Pass?

Digital Journey Pass एक ऐसा डिजिटल दस्तावेज़ है, जिसमें यात्री की बुकिंग डिटेल्स और बायोमेट्रिक जानकारी सुरक्षित रहती है। फ्लाइट बुकिंग के समय यह पास आपके मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है। खास बात ये है कि यदि आपकी फ्लाइट में कोई बदलाव होता है तो यह पास ऑटोमैटिकली अपडेट हो जाएगा।

एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद यात्री का चेहरा ही उसकी पहचान बन जाएगा। चेहरा स्कैन होते ही एयरलाइंस को पता चल जाएगा कि आप बोर्डिंग के लिए पहुंच चुके हैं।

चेहरा ही बनेगा आपका टिकट

इस टेक्नोलॉजी की मदद से अब यात्रियों को एयरपोर्ट पर न तो पासपोर्ट दिखाने की जरूरत होगी और न ही फोन से टिकट ढूंढना पड़ेगा। सिक्योरिटी गेट से लेकर बोर्डिंग गेट तक हर स्टेप पर आपका चेहरा ही टिकट की तरह काम करेगा।

बैग ड्रॉप और हैंड बैग की प्रक्रिया

यदि यात्री चेक-इन बैगेज के साथ है तो वह सीधे बैग ड्रॉप काउंटर पर जाकर सामान जमा कर सकता है। वहीं जिनके पास सिर्फ हैंड बैग है, वे प्री-सिक्योरिटी गेट पर स्कैन होने के बाद सीधे मुख्य टर्मिनल में प्रवेश कर पाएंगे।

यह नई व्यवस्था एयरपोर्ट पर सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा — दोनों के लिहाज से एक बड़ा कदम मानी जा रही है। ICAO का प्लान है कि अगले 2-3 वर्षों में इस सिस्टम को ग्लोबल स्तर पर लागू कर दिया जाए।


Digital Journey Pass के आने से हवाई यात्रा का अनुभव और ज्यादा आसान, तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा। अब न लंबी लाइनें, न पेपर बोर्डिंग पास — बस आपका चेहरा ही आपकी पहचान बनेगा।