इन 4 मामलों में पुराना टैक्स सिस्टम बेहतर है नए से, जानिए कब लेना चाहिए यह विकल्प
- bySagar
- 25 Apr, 2025

नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025: वित्त वर्ष 2024-25 खत्म हो चुका है और अब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का समय आ गया है। टैक्सपेयर्स को ITR भरते समय यह तय करना होता है कि वे नया टैक्स सिस्टम अपनाएं या पुराना। हालांकि नया सिस्टम सरल है और ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री करता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में पुराना टैक्स सिस्टम आज भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
आइए जानते हैं वे 4 प्रमुख स्थितियां, जब ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है।
1. टैक्स-सेविंग निवेश करते हैं? तो ओल्ड सिस्टम बेहतर
अगर आप धारा 80C, 80D, 80G या 80DD जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं या बीमा, हेल्थ पॉलिसी, डोनेशन आदि पर खर्च करते हैं, तो पुराना टैक्स सिस्टम आपके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा। आप इन डिडक्शन के जरिए अपनी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
नया टैक्स सिस्टम इन कटौतियों की अनुमति नहीं देता। केवल कुछ गिने-चुने सेक्शन जैसे 80CCD(2) या 80JJAA में छूट मिलती है।
2. किराए पर रहते हैं और HRA क्लेम करते हैं?
अगर आप नौकरी करते हैं और किराए के मकान में रहते हैं, तो ओल्ड टैक्स सिस्टम में HRA (हाउस रेंट अलाउंस) के जरिए टैक्स में बड़ी छूट मिल सकती है। यह धारा 10(13A) के तहत क्लेम किया जाता है।
लेकिन नया टैक्स सिस्टम HRA की छूट नहीं देता, जिससे आपकी टैक्स देनदारी बढ़ सकती है।
3. आप हाई इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं
पुराने सिस्टम में 30% टैक्स दर ₹10 लाख से ऊपर की इनकम पर लगती है, जबकि नए सिस्टम में यह दर ₹15 लाख पर लागू होती है। लेकिन अगर आपकी इनकम पहले से ही ऊपरी ब्रैकेट में है और आप डिडक्शन का फायदा उठा रहे हैं, तो पुराना सिस्टम कुल टैक्स देनदारी कम कर सकता है।
4. टैक्स कैलकुलेटर पुराने सिस्टम को सस्ता बता रहा है?
हर टैक्सपेयर की आय और खर्च की स्थिति अलग होती है। इसीलिए टैक्स कैलकुलेटर की मदद लेना समझदारी है। आप पुराने और नए दोनों सिस्टम में अपनी टैक्स देनदारी की तुलना करें। जो विकल्प कम टैक्स दिखाए, उसे ही चुनें।
निष्कर्ष: समझदारी से लें फैसला
नया टैक्स सिस्टम भले ही सीधा-सादा हो, लेकिन छूट और डिडक्शन न होने के कारण यह हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। यदि आप निवेश करते हैं, बीमा लेते हैं या किराए पर रहते हैं, तो पुराना सिस्टम आपके लिए बेहतर रहेगा।
डिजिटल टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें, सही तुलना करें, और फिर सोच-समझकर निर्णय लें।