गलत जानकारी के साथ ITR भरना पड़ सकता है भारी, 200% तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है: आयकर विभाग
- bySagar
- 25 Apr, 2025

नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025: अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल कर रहे हैं और गलत डिडक्शन या छूट दिखाकर टैक्स रिफंड लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि ऐसा करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे 200 फीसदी तक का जुर्माना, ब्याज और जेल की सजा भी हो सकती है।
गलत रिफंड क्लेम अब बन सकता है बड़ी मुसीबत
आयकर विभाग ने देखा है कि कुछ सैलरीड कर्मचारी पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत फर्जी डिडक्शन और छूट दिखाकर रिफंड क्लेम कर रहे हैं। यह धोखाधड़ी TDS कटने के बाद भी की जा रही है, और बिना किसी वैध दस्तावेज के रिफंड की मांग की जा रही है।
क्या है फॉर्म 12BB की भूमिका?
पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत कर्मचारी को फॉर्म 12BB भरकर सभी डिडक्शन और छूट की जानकारी दस्तावेजों के साथ अपने नियोक्ता को देनी होती है। TDS इसी आधार पर काटा जाता है। लेकिन ITR दाखिल करते समय कुछ कर्मचारी अतिरिक्त छूट दिखाकर गलत तरीके से रिफंड लेने की कोशिश कर रहे हैं।
गलत क्लेम के नतीजे क्या हो सकते हैं?
आयकर विभाग के अनुसार, इस तरह के फर्जी क्लेम से जुड़े गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- ITR स्क्रूटनी के लिए चयनित हो सकता है।
- अगर डिडक्शन का प्रमाण नहीं दिया गया, तो छूट खारिज हो सकती है।
- सेक्शन 270A के तहत टैक्स की गलत जानकारी पर 200% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- ₹25 लाख से अधिक की टैक्स गड़बड़ी पर 6 महीने से 7 साल तक की जेल हो सकती है।
- अन्य मामलों में 3 महीने से 2 साल तक की सजा संभव है।
AI और डेटा टूल्स से हो रही निगरानी
विभाग ने बताया कि अब रिफंड क्लेम की जांच ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स टूल्स के जरिए की जा रही है। इससे फर्जीवाड़ा पकड़ना पहले से कहीं आसान हो गया है।
कर्मचारी क्या करें?
इससे बचने के लिए:
- सही और पारदर्शी ITR फाइल करें।
- डिडक्शन या छूट का क्लेम करते समय वैध दस्तावेजों को संभालकर रखें।
- किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी से बचें, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो।
- रेंट रसीद, निवेश प्रमाण, मेडिकल बिल आदि जरूरी दस्तावेज समय पर तैयार रखें।
अंत में सलाह
छोटी सी गलती या जानबूझकर किया गया झूठा दावा आपको भारी नुकसान पहुंचा सकता है। टैक्स रिटर्न में पारदर्शिता अपनाएं और हर डिडक्शन का सही दस्तावेज रखें। क्योंकि अब सिस्टम स्मार्ट हो चुका है, और गलती पकड़ में आना तय है।